17 अप्रैल 2012
मुम्बई। आदर्श सोसायटी घोटाले की जांच कर रही एक न्यायिक समिति ने मंगलवार को कहा कि जिस भूखंड पर विवादास्पद इमारत खड़ी है, वह राज्य सरकार की है और इसका मकसद कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों और अन्य जाम्बाजों को बसाना नहीं था। समिति की अंतरिम रिपोर्ट मंगलवार को राज्य विधानसभा में पेश की गई। समिति का गठन करीब डेढ़ साल पहले हुआ था, जिसमें दो सदस्य थे - न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे.ए. पाटिल और राज्य के पूर्व प्रधान सचिव पी. सुब्रह्मण्यम।
एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "आज सुबह मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा की गई और इसे मंजूरी दी गई। इसके बाद इसे विधानसभा में पेश किया गया।"
आयोग 13 मुद्दों पर जांच कर रहा है। लेकिन इसने सिर्फ दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर रिपोर्ट सौंपी है- भूमि का स्वामित्व, जहां 31 मंजीली इमारत खड़ी है और कारगिल के जाम्बाजों और उनके परिवारों के लिए इसके निर्माण के तर्क की सत्यता।
अधिकारी ने कहा कि आयोग अन्य 11 मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट बाद में प्रस्तुत करेगा।
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